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िमीन पर बैठकर खाना:हमारपूविजोंकसमयपररवारसभीएकसाथज़मीनपरबैठकर
खानाखातेथेजजससेआपसम प्रेम व अपनेपन की
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भावनाबनीरहतीथी।इसका एक वैज्ञाननक कारण भी
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ह । जब आदमी ज़मीन पर पालथी मार क बैठता ह,
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जजस सुखासन मुद्रा भी कहता है, औरखानाखाताहतो
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खानेकापाचनआसानीसेहो जाताह।
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भोजन स पूवि स्नान: िाममिक मान्यता क अनुसार नहाने स
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व्यजक्त शारीररक और मानमसक ऱूपसशुद्िहोताह।इसका
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वैज्ञाननक महत्व यह ह क्रक नहानेकबादशरीरकीगंदगी
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साफहोजातीहऔरहमारपेट कीजठराजग्नतेज़होजातीह।
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इसमलए नहाने क बाद खाया गया भोजन आसानी से पच
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जाताहै।
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उपवास: हमारी सस्क ृ नत म उपवास का बहत महत्व ह ।
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उपवास करते समय मसफ फलों का सेवन करता ह ।
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इसकावैज्ञाननकमहत्वयहह क्रक व्रत रखने स तथा पूर
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ददन ननराहार रहने से हमारी आंतों को आराम ममलता ह
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औरउनकीक्रक्रयाशीलताबढ़ती ह।
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संकमलत
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हमारी नागरी मलवप दुतनया की सबस वज्ञातनक मलवप ह –
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राहल साकत्यायन
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