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संदेश


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                          यह िनतांत गव  क  बात है  क चे ई टलीफो स क   हंदी ई-पि का “चे ई वाणी” क
                    27व  सं करण का िवमोचन हो रहा है, जो संघ क  राजभाषा नीित क काया  वयन म  एक
                                                                                       े
                    मह वपूण  कदम है।


                          संघ क  राजभाषा होन क नात, कायालयीन  हंदी को सीखने तथा उसका सरकारी
                                                        े

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                    कामकाज म िन य  योग करना,   येक कम चारी का दािय व है। मेरा मानना है  क “चे ई
                    वाणी” न कवल राजभाषा  हंदी बि क सरल, बोलचाल  हंदी क  योग हेत  ापक मच देती
                                                                               े
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                    है।
                          िह दी क  चार  सार क िलए क  सरकार अनक, आकषक तौर-तरीक  दान करती
                                                  े

                                                                                             े

                                                                        े
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                    है। जैस नराकास (उप म) क त वावधान म  आयोिजत िह दी  ितयोिगता म  भाग लेकर, म
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                    और मेर साथी िवजई रह । ठीक इसी  कार “चे ई वाणी” कम चारी क  आंत रक  ितभा –
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                                                                                              ं
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                    चाहे वो, िह दी म  िलिखत मनोरजक कहानी, किवता या  फर उनक  ारा बनी रगीन िच  ही
                                                                           े
                                                                                                े
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                     यू न ह  – इन सभी को  ित बंिबत करते  ए, पाठक  क मन  म  झंकार करन क   मता
                    रखती है।
                                                                                         े
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                          “चे ई वाणी” क िनमाण म  जुड़े कमचा रय  को बधाइया एवं उसक मंगलमय भिव य
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                    क िलए मेरी शभकामनाएं ।



                                                                                            (आरती  ीधर)
                                                                                       मु य लेखा अिधकारी व
                                                                                  सह मु य राजभाषा अिधकारी
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